जो हल जोते, फसल उगाए उसे उसकी कीमत नहीं मिलती। जो हल जोते, फसल उगाए उसे उसकी कीमत नहीं मिलती।
मां के ऋण से कोई कभी न उऋण हो सकता, चाहे कोई जीत ले सारा का सारा ही संसार। मां के ऋण से कोई कभी न उऋण हो सकता, चाहे कोई जीत ले सारा का सारा ही संसार।
कहाँ वो पत्थर की मूरत और जिंदगी दांव पर है। दूर बैठा कोई सोचे वो सवार दो दो नाव पर है! कहाँ वो पत्थर की मूरत और जिंदगी दांव पर है। दूर बैठा कोई सोचे वो सवार दो दो...
दर्द-ए-दिल रखते है हम हमसफ़र हम भी कहते है ये आपकी अर्ज-ए-दिल्लगी नहीं। दर्द-ए-दिल रखते है हम हमसफ़र हम भी कहते है ये आपकी अर्ज-ए-दिल्लगी नहीं।
दिखा दो मुझे अब वही राह कोई भरे प्रीत मन के पलक पांव मेरे। दिखा दो मुझे अब वही राह कोई भरे प्रीत मन के पलक पांव मेरे।
देती है हर वक्त नए-नए घाव । है नहीं कहीं भी सुकून की छांव। देती है हर वक्त नए-नए घाव । है नहीं कहीं भी सुकून की छांव।